विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,बीना
परिवार प्रबोधन कार्यक्रम प्रतिवेदन
कार्येक्रम का दिनांक 19-10-2018 समय : 11:00 AM दशहरा
स्थान - ए बी हॉल डी ऐ वि पब्लिक स्कूल, वीना
संस्कारित संतान के साथ ही समाज धारणा पर भी रहे दम्पतियों का ध्यान
परिवार प्रबोधन में सुश्री निवेदिता दीदी ने दिया दम्पतियों को प्रेरणास्पद मार्गदर्शन
मनुष्य निर्माण से राष्ट के पुनरूत्थान के महत्वपूर्ण कार्य में केन्द्र का बडा योगदानः एस.एस. सुंदरराजन
बीना। भारतीय दम्पतियों को एक पीढी से दूसरी पीढी तक अपने रीति-रिवाज,पूजा पद्धतियों और संस्कारों को तो संक्रमित करना ही है, साथ ही एक संस्कारित और संवेदनशील समाज के निर्माण में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान देना है। इसलिए समाज में श्रेष्ठ और संस्कारित संतति देने और शुचितापूर्वक अर्थोपार्जन के साथ ही रचनात्मक, संवेदनशील और परस्पर सहयोग की भावना से रचा-बसा राष्टबोध से आप्लावित समाज खडा करने में अपना सक्रिय और सतत योगदान देना बहुत जरूरी है। क्योंकि यदि हमने अच्छी संतान का पालन पोषण कर दिया किन्तु उन्हे एक अच्छा समाज नहीं दे सके तो फिर उनका जीवन निसंदेह ही कठिन होगा। बच्चों के आईक्यू के साथ ही ईक्यू और एसक्यू भी बढे इस ओर पूरी सजगता से ध्यान दें।
यह विचार विवेकानन्द केन्द्र की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिडे जी मध्य प्रांत प्रवास 19/10/2018 के दौरान भारत ओमान रिफायनरीज लिमिटेड, बीना मेें विवेकानन्द केन्द्र द्वारा संचालित प्रकल्प विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा विजयदशमी पर आयोजित परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में मुख्यवक्ता की आसंदी से व्यक्त किए। समारोह के मुख्यअतिथि एवं भारत ओमान रिफायनरीज लिमिटेड के प्रबंध संचालक श्री एस.एस. सुन्दराजन ने अपने उदबोधन में कहा कि मानव निर्माण से राष्ट्र के पुनरूत्थान के महत्वपूर्ण कार्य में विवेकानन्द केन्द्र का उल्लेखनीय योगदान है। यहां संचालित चिकित्सालय के माध्यम से केन्द्र न केवल बीओआरएल परिवार, सीएसआर के गांव बल्कि पूरे क्षेत्र में उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा मुहैया करा रहा है। आने वाले समय में हम भी चिकित्सालय के भवन और सुविधाओं में विस्तार करेंगे।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष मानव संसाधन श्री उमेश चन्द्र उपाध्याय ने कहा कि विवेकानन्द केन्द्र का प्रत्येक कार्य सेवा और आदर्श से रचा-बसा है। हम विवेकानन्द केन्द्र के आभारी है, जो उन्होने यहां सेवा कार्य को स्वीकार किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय सुश्री निवेदिता भिडे दीदी ने आगे कहा कि हमें बच्चों की परवरिश में विशेष ध्यान रखना चाहिए। शिशु के जन्म से लेकर 4 से पांच वर्ष की आयु तक वह जो करे उसे करने दे, हम उसकी पूरी सजगता से देखभाल करें, किन्तु 5 वर्ष से 12 वर्ष तक की आयु में बालक या बालिका थोडा जिद करें तो उन्हे समझाएं और और आवश्यकता पडने पर डांटे भी। वहीं 13 वें वर्ष से 17 वर्ष तक की आयु में बच्चों को डांट-फटकार कर नहीं बल्कि समझाईश के साथ परवरिश दें। बच्चे हमारे आचरण और व्यवहार से भी सीखते है, इसलिए उनसे कभी भी झूठ ना बोले। कभी कभी वे जिद करें तो उनकी जिद को पूरा ना करें और उन्हे समझाईश दें। यदि हम ऐसा करते हैं तो निश्चित ही आने वाले समय में हम देश और समाज के लिए बेहतर पीढी दे पाते है। उन्होने आगे कहा कि समाज कार्य आज की सबसे बडी जरूरत है, यदि परिवार का कोई सदस्य समाज कार्य कर रहा है, तो हम उसे सम्मान दें और आगे कार्य के लिए प्रोत्साहन भी देते रहें। ऐसे में समाज कार्य को समय दे रहे व्यक्ति का परिवार में मनोबल और विश्वास बना रहेगा।
कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण और सरस्वती वंदना से हुआ जिसे श्रीमती संगीता अहिरवार और कु. भारती लोधी ने प्रस्तुत किया। इसके बाद स्वागत भाषण विवेकानन्द केन्द्र के प्रांत प्रमुख श्री भंवर सिंह राजपूत जी ने दिया। वहीं अतिथियों का स्वागत डाॅ. मधुमाला सिंह, डाॅ. भूपेन्द्र सिंह, ने श्रीफल शाॅल व स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया। माननीय निवेदिता दीदी का परिचय विवेकानन्द केन्द्र की मध्य प्रांत संगठक सुश्री रचना जानी दीदी ने दिया। वहीं सुश्री रचना दीदी और श्री भंवर सिंह जी का स्वागत डाॅ. तरूणा बडकुल व डाॅ. सत्यप्रकाश पटेल द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र रखा गया जिसमें वहां उपस्थित वरिष्ठजनों व किशोरी विकास प्रकल्प की बालिकाओं ने प्रश्न पूछे, जिनके माननीय सुश्री निवेदिता दीदी ने उत्तर दिए।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का आभार प्रदर्शन विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक व वरिष्ठ फिजीशियन डाॅ. सुब्रत अधिकारी जी द्वारा तथा कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डाॅ. एसएन उपाध्याय द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बीओआरएल से डाॅ. प्रवीण वाघमार, श्री श्वेत पटेल, चिकित्सालय के चिकित्सकगण सर्वश्री डाॅ. राजदीप नंद, डाॅ. संजय दुलावत, डाॅ. अजय टैगर, डाॅ. दुष्यंत वर्मा, जनसम्पर्क अधिकारी श्री गिरीश कुमार पाल, कार्यालय अधीक्षक श्री राहुल उदैनिया, भण्डार प्रमुख श्री धन्नालाल प्रजापति, श्री मती राखी गरेवाल, आई टी टेक्निशन श्री रितेश रस्तोगी व अन्य सदस्यों के परिवारजन में श्रीमती निमिषा उदैनिया, श्रीमती चांदनी रस्तोगी, श्रीमती योगिता , बीना के गणमान्य नागरिक जिनमें श्री मुरारी गोस्वामी, श्री जगन्नाथ वाधवानी, श्री राम शर्मा, श्री महेश अग्रवाल, श्री विनीत कोटिया, श्री राज जी, श्री सत्यजीत ठाकुर, श्री शिरीष गरेवाल तथा विवेकानन्द केन्द्र की बीना शाखा के दायित्ववान कार्यकर्ता जिनमें श्री एनके जैन, नगर संयोजक श्री धीरज सिंह लोधी, श्री पंकज तिवारी, श्री मानसमणि तिवारी, श्री राजेन्द्र दुरवार, श्रीमती संगीता दुरवार, श्री आनंद चढार, श्री प्रमोद चढार, टाटा सोशल स्टडीज सेंटर मुम्बई के श्री संदीप जी, श्री ओमप्रकाश जी, डीएवी बीओआरएल पब्लिक स्कूल से गणित विषय के शिक्षक श्री अवधेश व्यास, कार्यालय अधीक्षक श्री रणवीर सिंह, भगिनी निवेदिता किशोरी विकास योजना की बहनें तथा विवेकानन्द केन्द्र द्वारा बीना में संचालित संस्कार वर्गों के कार्यकर्ता सहित करीब 90 लोग सहभागी रहे।
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माननीय सुश्री निवेदिता दीदी ने समर्पण भवन का निरीक्षण किया
बीना। विवेकानन्द केन्द्र की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष माननीय सुश्री निवेदिता भिडे दीदी ने विजयदशमी की शाम 5ः30 बजे बीना के खुरई रोड स्थित मानव सेवा समिति के परिसर समर्पण भवन का भी निरीक्षण किया। इस मौके पर मानव सेवा समिति के पदाधिकारी एवं वरिष्ठ केन्द्र कार्यकर्ता श्री एनके जैन एवं समिति सदस्य श्री महेश अग्रवाल द्वारा भवन व समिति के विषय में दीदी को जानकारी दी गई। माननीय दीदी ने प्रांत के अधिकारियों को भवन के संबध में आगामी निर्णय को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए भी बताया ताकि वहां केन्द्र की गतिविधियों को बढाया जा सके। इस मौके पर प्रांत संगठक सुश्री रचना दीदी व प्रांत प्रमुख श्री भंवर सिंह राजपूत जी, विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. सुब्रत अधिकारी एवं जनसंपर्क अधिकारी श्री गिरीश कुमार पाल, प्रशिक्षण प्रमुख, भोपाल विभाग आदि उपस्थित रहे।
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खजुराहो क्लब, बीओआरएल आवासीय परिसर में परिवार प्रबोधन
कार्येक्रम का दिनांक 19-10-2018 , दशहरा, शाम
स्थान - खजुराहो क्लब, बीओआरएल आवासीय परिसर, वीना
परिवारों में विघटन को रोकने के लिए अहं का त्याग जरूरीः सुश्री निवेदिता भिडे
बीओआरएल के अधिकारियों के परिवारजनों के लिए आयोजित किया परिवार प्रबोधन
बीना। विदेशों में किए गए विषय विशेषज्ञों के अध्ययन में पता चला है, कि ऐसे परिवार जिनमें माता पिता के बीच सबंध विच्छेद यानि डिवोर्स हुए हों उनके बच्चों के वैवाहिक जीवन में सबंध विच्छेद की संभावना पचास फीसदी रहती है, और जिन परिवारों में ऐसे युवक युवती जिनके दादा दादी या नाना नानी के बीच भी संबध विच्छेद हुए हों तो यह संभावना 80 फीसदी तक पहुंच जाती है। इसलिए पति पत्नी के बीच छोटे छोटे तनाव या मन मुटाव को वहीं खत्म कर देना चाहिए। यदि हम अहं के साथ आगे बढते हैं तो परिवार में विघटन की संभावना बढ जाती है। ऐसे में पति पत्नी सामन्जस्य बनाएं और एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव रखें। एक दूसरे की भावना का सम्मान कर आगे बढें। ताकि परिवार में विघटन ना आए।
यह बात विवेकानन्द केन्द्र की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिडे दीदी ने बीओआरएल द्वारा विजयदशमी की शाम खजुराहो क्लब में आयोजित परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में वहां उपस्थित दम्पतियों के बीच कही। उन्होने आगे कहा कि हम परिवार की समरसता के लिए एकता के लिए अपना पूर्ण योगदान देने को तत्पर रहें। वर्ष में एक बार ही सही कम से कम पूरा परिवार 15 दिवस की छुट्टियां लेकर एक साथ रहे। यदि यह संभव ना हो सके तो कम से कम पांच से सात मित्रों के परिवार ही वर्ष में एक बार समय निकाल कर एक साथ 10 से 15 दिन साथ रहें। ऐसा करने से हमारे भावनात्मक और सामाजिक अनुभवों में बढोत्तरी होगी। हम एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव बढा सकेंगे। बच्चों को हमें करीब से जानने का अवसर मिलेगा। उन्होने आगे बच्चों के स्वभाविक विकास की प्रक्रिया तथा परवरिश के सही तरीके भी वहां उपस्थित अभिभावकों को बताए।
कार्यक्रम में बीओआरएल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मानव संसाधन विभाग श्री उमेश चंद्र उपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि मैं और एमडी सर ने दोपहर में दीदी का व्याख्यान सुना तो लगा कि हमारे बीओआरएल परिवार के लोग दीदी के मार्गदर्शन से वंचित क्यों रहें, तब अल्प समय में ही हमने यह कार्यक्रम तय किया हम आभारी हैं, विवेकानन्द केन्द्र परिवार के जो हमें दीदी जैसी महान शख्सियत को सुनने का मौका दिया। इस अवसर पर श्रीमती उपाध्याय द्वारा माननीय दीदी का शाॅल से अभिनंदन किया गया।
इस मौके पर विवेकानन्द केन्द्र की प्रांत संगठक सुश्री रचना दीदी एवं प्रांत प्रमुख श्री भंवर सिंह राजपूत, बीओआरएल के डाॅ. प्रवीण वाघमार व बीओआरएल के अन्य अधिकारीगण व विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के जनसंपर्क अधिकारी गिरीश कुमार पाल उपस्थित रहे। कार्यक्रम में लगभग 20 से 25 परिवार से लगभग 40 लोग सहभागी रहे। कार्यक्रम के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने अपनी जिज्ञासा का समाधान भी किया। कार्यक्रम के अंत में बीओआरएल के अधिकारियों के परिवारजन के साथ स्वल्पाहार पर दीदी ने सभी से व्यक्तिगत भेंट भी की।
प्रतिवेदक
गिरीश कुमार पाल,
जनसम्पर्क अधिकारी,
विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,
बीना, मप्र
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