विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम नेहरोन में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित
शिशु का बार बार बीमार होने से भी हो सकता है कुपोषण
बीना। शिशुकाल एवं बाल्यकाल में संतान का सही पोषण व देखरेख ना होने से भी कुपोषण बढता है। यदि
आपका शिशु बार बार बीमार होता है तो वह कुपोषण का भी शिकार हो सकता है। अतः छह माह की आयु तक शिशु को माॅं का दूध अनिवार्य रूप से पिलाएं और छह माह के पश्चात उसे पूरक आहार देना शुरू करें। शिशु को पांच से छह बार थोडा थोडा आहार दें। वहीं महिलाएं स्वच्छता का भी विशेष रूप से ध्यान रखें। खासकर साबुन से हाथ धोने की विशेष विधि का प्रयोग अवश्य करें। शौच के पश्चात्ए भोजन बनाने से पूर्वए भोजन परोसने से पूर्व तथा बच्चों को भोजन कराने व स्वयं करने से पूर्व साबुने से हाथ अच्छी तरह से अवश्य धोंऐं। आपकी कुछ सावधानी और अच्छी आदतें ना सिर्फ आपके बच्चे को बल्कि स्वयं आपको को भी बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करेंगी।
यह बात विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम नेहरोन के आंगनबाडी केन्द्र में दिनांक 14 जून 2019ए शुक्रवार को आयोजित मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के दौरान आयोजित शिविर में चिकित्सालय की शिशु एवं बालरोग विशेषज्ञ डाॅण् मधुमाला ने महिलाओं के बीच कही। शिविर में आगे डाॅण् मधुमाला ने बताया कि चिकित्सालय द्वारा हर माह दो शिविर बीओआरएल के सीएसआर प्रोग्राम के तहत चयनित गांवों में आयोजित किए जाते हैंए इसी क्रम में आपके गांव में यह शिविर आयोजित किया गया है। शिविर में उन्होने महिलाओं को बताया कि बच्चे में कुपोषण मां के गर्भ में आने से ही शुरू हो जाता है। मां में रक्त की कमी और उचित पोषण आहार ना लेने के कारण गर्भ से ही शिशु में कुपोषण भी जन्म ले लेता है। अतः विवाह से पूर्व किशोरी बालिकाओं और विवाह पश्चात महिलाओं को गर्भधारण से पूर्व ही महिला अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे और संतुलित पोषण आहार ले और रक्त की कमी ना होने दें। कुपोषण को मिटाने के लिए प्रसव पूर्व जांचे व टीकारण और संस्थागत प्रसव को बढावा देना चाहिए। शिशु के जन्म से ही मां के पहले दूध को शिशु को अनिवार्य रूप से पिलाना चाहिए। छह माह तक शिशु को केवल मां का ही दूध देना चाहिए। वहीं आंखों में काजल लगाना या गाय का दूध पिलाना जैसी आदतों से परहेज करना चाहिए।
शिविर के अंत में महिलाओं ने प्रश्न किए जिनके डाॅक्टर द्वारा जवाब दिए गए और उन्हे समझाईश देकर संतुष्ट किया गया। शिविर में सही ढंग से हाथ धोने की विधि का डेमो भी किया गया और सभी महिलाओं को अभ्यास भी कराया गया। शिविर के आयोजन में नेहरोन आंगनबाडी केन्द्र की आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती क्रांति अहिरवार, विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के गिरीश कुमार पालए वार्ड स्टाफ सदस्य श्रीमती कामिनी तिवारी आदि की सराहनीय भूमिका रही।
विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय
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