विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,
बीना, जिला- सागर मप्र
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता शिविर
ग्राम- पथरिया
दिनांक 11 नवम्बर 2019
प्रसव आने के बाद जांच टीके और संस्थागत प्रसव को दें महत्वः डाॅ. निधि सोनी
बीना। महिलाएं यदि सजग है, और अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हैं, तो वे पूरी तरह स्वस्थ रह सकती हैं। जब बालिका बडी होने लगे और अपनी किशोरी अवस्था में आते हुए शारीरिक एवं मानसिक स्तर पर परिवर्तन अनुभव करने लगे तभी से उसे अपना ध्यान रखना शुरू कर देना चाहिए। खानपान, स्वच्छता एवं आदतों में बदलाव लाना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार लेना चाहिए। वहीं जब किशोरी 18 वर्ष या उससे अधिक आयु की हो जाए तभी माता-पिता उसका विवाह कराएं। जब विवाह हो जाए और तो प्रसव काल प्रारम्भ हो अर्थात् गर्भवती हो तो उसके आहार और आराम का पूरा ध्यान रखा जाए साथ ही चिकित्सकीय जांच एवं परामर्श के साथ सभी टीके समय पर लगवाएं जाएं। घर पर प्रसव कराने के बजाए संस्थागत प्रसव को महत्व दें और प्रसव के पश्चात् मां का प्रथम दूध शिशु को अवश्य पिलाएं। वहीं छह माह की अवधि तक शिशु को मां का दूध ही दें अन्य कोई आहार या घुट्टी ना दें। यदि हम ऐसा करते हैं तो घर की नारी के स्वस्थ रहने से पूरा परिवार स्वस्थ रहेगा।
यह बात विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय द्वारा ग्राम पथरिया के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में दिनांक 11 नवम्बर 2019, सोमवार को आयोजित ‘मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान‘ के दौरान आयोजित शिविर में चिकित्सालय की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डाॅ. निधि सोनी ने महिलाओं के बीच कही। शिविर में आगे डाॅ. निधि ने बताया कि चिकित्सालय द्वारा हर माह दो शिविर बीओआरएल के सीएसआर प्रोग्राम के तहत चयनित गांवों में आयोजित किए जाते हैं, इसी क्रम में आपके गांव में यह शिविर आयोजित किया गया है। शिविर में उन्होने महिलाओं को बताया कि बच्चे में कुपोषण मां के गर्भ में आने से ही शुरू हो जाता है। मां में रक्त की कमी और उचित पोषण आहार ना लेने के कारण गर्भ से ही शिशु में कुपोषण भी जन्म ले लेता है। अतः विवाह से पूर्व किशोरी बालिकाओं और विवाह पश्चात महिलाओं को गर्भधारण से पूर्व ही महिला अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहे और संतुलित पोषण आहार ले और रक्त की कमी ना होने दें।
शिविर के अंत में महिलाओं ने प्रश्न किए जिनके चिकित्सक द्वारा जवाब दिए गए और उन्हे समझाईश देकर संतुष्ट किया गया। शिविर में सही ढंग से हाथ धोने की विधि का डेमो भी किया गया और सभी महिलाओं को अभ्यास भी कराया गया। शिविर के आयोजन में आगासौद गांव की आंगनबाडी केन्द्र की आंगनबाडी कार्यकर्ता श्रीमती कमला विश्वकर्मा,श्रीमती शीला कुशवाह, सहायिका सविता, एवं आशा कार्यकर्ता सुनीता कुशवाह के अलावा विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के गिरीश कुमार पाल, वार्ड स्टाफ सदस्य श्रीमती सुनीता अहिरवार आदि की सराहनीय भूमिका रही।
विवेकानन्द केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय,
बीना, जिला- सागर, मप्र
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