विवेकानंद केंद्र बी ओ आर एल हॉस्पिटल बीना
गुरु पूर्णिमा उत्सव
"गुरु का शरीर शिष्य के साथ शिक्षा काल तक रहता है, पर उसका दिया गया ज्ञान जीवन पर्यंत प्रकाश देता रहता है" यह बात डी.ए.वी. बी.ओ.आर.एल. विद्यालय के प्रिंसिपल आदरणीय डॉ जी. के. उदगता जी ने गुरु पूर्णिमा उत्सव पर विवेकानंद केंद्र बी ओ आर एल हॉस्पिटल द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव के समय सभी कार्यकर्ताओं से कही।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ रत्नाकर चौबे जी ने कहा कि अक्षर ज्ञान देने वाला शिक्षक होता है किंतु गुरु आध्यात्मिक ज्ञान भी देता है विवेकानंद केंद्र में ओम को गुरु माना है और सभी कार्यकर्ताओं की ऊर्जा का स्त्रोत है। इस प्रकार ईश्वरीय कार्य पूरी दुनिया की भलाई के लिए विवेकानंद केंद्र कर रहा है भारत राष्ट्र का चयन इस कार्य के लिए हुआ है और हम उन दृश्यों की आकाशगंगा देखते हैं जिनका आविर्भाव हमारी भूमि का मार्गदर्शन करने के लिए हुआ।
डॉ राजीव गुप्ता, कंसलटेंट फिजीशियन ने कहा कि गुरु वह है जो शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है, इसलिए सभी को अपने जीवन में गुरु अवश्य बनाना चाहिए।
आदरणीय गुरुजनों को श्रीफल एवं साहित्य देकर डॉ गौरव एवं डॉ मिथलेश ने सम्मानित किया।
बहन - स्वाति ने प्रार्थना, हर्षिता ने सुश्री निवेदिता दीदी के कार्यकर्ताओं हेतु संदेश का वाचन, रुचिका ने गुरु भजन, रश्मि ने विवेकवाणी प्रस्तुत की।
भाई कमल, जितेंद्र तथा भगीरथ ने गुरु शिष्य परंपरा पर लघु नाटिका प्रस्तुत की । कार्यक्रम का संचालन बहन शालिनी ने किया व आभार राहुल भैया ने किया। कार्यक्रम का समापन शांति मंत्र तथा केंद्र प्रार्थना के साथ हुआ।
कार्यक्रम में अस्पताल के सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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