विवेकानंद
केंद्र बी ओ आर एल हॉस्पिटल बीना
साधना दिवस
कार्यक्रम
'साधना दिवस' विवेकानंद शिला स्मारक और विवेकानंद केंद्र के संस्थापक माननीय एकनाथ जी की
जयंती स्वाधीनता के 75 वर्ष के संदर्भ में 20 नवम्बर 2021 को विवेकानंद केंद्र बी ओ आर एल हॉस्पिटल में आयोजित की गई। इस अवसर पर माननीय
सुश्री निवेदिता भिड़े, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जी के पत्र का संदर्भ लेते हुए आदरणीय डॉ प्रगति शर्मा ने
कहा कि विवेकानंद केंद्र का कार्य व्यक्तिगत कार्य नहीं अपितु सामूहिक कार्य है।
साधना दिवस 'मैं' और 'मेरे' से बाहर आने का दिन है। यदि हम चमू के साथ या किसी सहकर्मी के साथ कार्य करने
में सक्षम नहीं है तो साधना दिवस वह समय है जब हम अपने भीतर झांके और स्वयं में
बदलाव लाएं। ईश्वर के हाथों का उत्तम साधन बनने के लिए निरंतर परिवर्तन की यह
प्रक्रिया आवश्यक है। हम अपने- अपने क्षेत्रों में अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए या
प्रतिष्ठा या प्रशंसा या अपने छोटे स्वार्थ की भावनाओं को पोषित करने हेतु पैदा
नहीं हुए हैं। बल्कि हम इसलिए कार्य कर रहे हैं क्योंकि यह नि:स्वार्थ कार्य हमारे
अंतस का पोषण करता है। साधना दिवस एक ऐसा दिन है जब हम पुनः अपने आपको शरीर मन से
संबंधित क्षुद्र में से ऊपर 'आत्मा' की ओर ले जाते हैं, जो सभी में विद्यमान
है और इस प्रकार यह सभी के कल्याण के लिए है।
इस अवसर पर डॉ
जैरथ, चिकित्सा अधीक्षक जी ने अपने संबोधन में सभी से कहा कि माननीय एकनाथ जी ने
विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए इस स्मारक का निर्माण कराया है। इस स्मारक
में प्रत्येक भारतवासी का सहयोग लगा हुआ है। इसलिए यह एक राष्ट्रीय स्मारक है। हम
सभी को इसके विषय में अध्ययन करना चाहिए पुस्तक "पत्थर से प्रगटे प्राण"
शिला स्मारक के संघर्ष की कथा है और सभी को इसका अध्ययन करना आवश्यक है। कार्यक्रम
की संपूर्ण संचालन में अन्य कार्यकर्ताओं की भूमिका निम्न प्रकार रही:
संचालन : पवन
वर्मा भैया
प्रार्थना :
संगीता अहिरवार दीदी
अतिथि परिचय :
रंजना अहिरवार दीदी
गीत : संगीता
तथा सुनीता दीदी
मुख्या वक्ता
सम्मान : डॉ आनंद राजोरिया जी द्वारा
चिकित्सा
अधीक्षक द्वारा आशीर्वचन : डॉ सी एस जैरथ जी
एकनाथ वाणी :
नितिन ऋषि भैया
मुख्या वक्ता
उद्बोधन : डॉ प्रगति शर्मा, कंसलटेंट पैथोलोजिस्ट
मंच व्यवस्था
: प्रथमेश, भागीरथ भैया
सपथ ग्रहण:
रितेश रस्तोगी भैया
समस्त स्टाफ
के द्वारा ॐ के समक्ष पुष्पांजलि
धन्यवाद
प्रस्ताव : डॉ मेधा भराड़े
प्रार्थना :
सुनीता दीदी द्वारा
उपस्तिथि : 40
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