गुरु पूर्णिमा उत्सव
भगवन व्यास का जन्मोत्सव गुरुपूर्णिमा के रूप में सभी जगह मनाया जाता है . यह बात डी ए वी बी ओ आर एल स्कूल के शिक्षक श्री गौरांग ओटा जी ने गुरुपूर्णिमा उत्सव के अवसर पर वी के बी ओ आर एल अस्पताल में आयोजित कार्यक्रम में कही. उन्होंने आगे कहा कि भगवन व्यास ने महापुराण महाभारत के साथ साथ वेदों की भी रचना की. जब उन्होंने देखा कि ‘वेद’ - यह ऋषियों ने शतकों से प्राप्त किए हुए ज्ञान का विपुल भण्डार (अनंत वै वेदाः) - लुप्त हो सकता है तो उन्होंने वह सारा एकत्रित करके उसका संकलन चार वेदों - ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में किया। इसलिए इनका नाम वेद व्यास पड़ा. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आदरणीय श्री जी के उद्गाता, प्रिंसिपल डी ए वी बी ओ आर एल स्कूल रहे. उन्होंने कहा कि गुरु अपने शिष्य को हमेशा सतमार्ग बताता है. अच्छी बात हम किसी से भी ग्रहण कर सकते है. तेजस्वी , मेधावी होने के बाद भी स्वामी विवेकानंद को भी गुरु की आवश्यकता पड़ी और रामकृष्ण उनके गुरु हुए.
डॉ प्रदीप कुमार मिश्र, चिकित्सा अधीक्षक जी ने कहा कि हम आज जो कुछ भी है अपने गुरु के ज्ञान के कारण है इसके लिए अपने गुरु के सदैव ऋणी रहेंगे. डॉ प्रगति ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया. ललिता चौबे ने सञ्चालन, सुनीता पांडे ने गुरु भजन, कंचन ने विवेकानंद का विचार तथा कमल व् भागीरथ ने गुरु शिष्य परंपरा पर आधारित लघु नाटिका का प्रस्तुतिकरण किया.
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